रक्षाबंधन कब है और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त




19 अगस्त, सोमवार दिन 01 :30 बजे से रात 9 :08 

रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया है. 19 अगस्त को सुबह में 5 बजकर 53 मिनट पर भद्रा काल (Bhadra Kaal) शुरू होगा और दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक रहेगा.

रक्षाबंधन भारत के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो भाई-बहन के रिश्ते को मनाने के लिए समर्पित है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र एवं खुशहाली की कामना करती हैं। लेकिन इस साल रक्षाबंधन कब है और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है? चलिए विस्तार से जानते हैं।

रक्षा बंधन  पर राखी शुभ मुर्हत में ही बांधे  वरना आ सकती है मुसीबत क्यू की इस बार रक्षा बंधन पर लग रहा है चंद्र ग्रहण|रक्षा बंधन का त्यौहार भाई बहन के रिश्ते और उसमे बसे प्यार को मजबूत करता है| रक्षा बंधन के दिन बहन अपने भाई के कलाई पर राखी बांधती है और अपने भाई के लम्बी आयु की कामना करती है, तो बही भाई भी अपनी बहन के लिए दुवा मांगता है| रक्षा बंधन त्यौहार सावन महीने के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है|

रक्षाबंधन का महत्व

रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं है, यह भाई-बहन के प्यारे रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन राखी बांधकर बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करती हैं, और भाई अपनी बहनों को जीवनभर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं।

रक्षाबंधन की परंपराएं

  1. राखी: बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, जो उनके प्यार और सुरक्षा का प्रतीक है।
  2. तिलक और मिठाई: राखी बांधने से पहले बहनें अपने भाइयों का तिलक करती हैं और मिठाई खिलाती हैं।
  3. गिफ्ट्स: भाई अपनी बहनों को गिफ्ट्स देते हैं, जो उनके प्यार और सम्मान का प्रतीक होता है।

रक्षाबंधन की कहानियाँ और लोककथाएँ

राजा बली और भगवान विष्णु

भोजन और सुरक्षा की इच्छा से राजा बली ने भगवान विष्णु को अपना रक्षक बना लिया। भगवान विष्णु ने उन्हें वचन दिया कि वे हमेशा उनकी रक्षा करेंगे। भगवान की अनुपस्थिति से लक्ष्मी देवी चिंतित होकर राजा बली को राखी बांधकर अपने पति को वापस ले आईं।

कृष्ण और द्रौपदी

जब भगवान कृष्ण की उंगली कट गई तो द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उनकी उँगली पर बांध दिया। इस आभार के चलते भगवान कृष्ण ने उन्हें रक्षा का वचन दिया।

रक्षाबंधन की तैयारियाँ कैसे करें

1. राखी का चयन

राखी का चयन करना एक महत्वपूर्ण कार्य होता है। बाजार में विभिन्न प्रकार की राखियाँ मिलती हैं, जैसे कि सिल्क राखी, किड्स राखी, जरी राखी, और कस्टमाइज्ड राखी।

2. तिलक और पूजा की थाली

तिलक और पूजा की थाली में तिलक के लिए कुमकुम, चावल, दीपक, और मिठाई शामिल होते हैं। इनके बिना रक्षाबंधन की पूजा अधूरी है।

3. मिठाई और पकवान

रक्षाबंधन के दिन विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ और पकवान भी बनाए जाते हैं। लड्डू, गुलाब जामुन, और गुजिया खासतौर पर बनाए जाते हैं।

“रक्षाबंधन की तैयारियाँ भाई-बहन के रिश्ते में मिठास घोल देती हैं।”

रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते का एक अद्वितीय पर्व है, जो इस पवित्र रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है। शुभ मुहूर्त का ध्यान रखकर राखी बांधना इस त्योहार के महत्व को और भी बढ़ा देता है। तैयारी करें, राखी खरीदें, और अपने भाइयों के साथ इस खास दिन को मनाएं।

याद रखें, यह त्योहार केवल रिवाजों का पालन करने का नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते में खुशहाली और सुरक्षा की भावना को और मजबूत करने का है।

आप सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामन!

 




रक्षाबंधन के दिन दिनांक 19-08-2024 को भद्रा 03:04 AM se 01:30 PM होगा । इसलिए सोण जिमाणा और रक्षाबंधन का कार्य 01:31 AM से 09:08 PM के बीच करना अति शुभ रहेगा ।