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रिपोर्ट-अंकित कुमार सिंह

सीवान. बिहार के सीवान में एक अजीबो-गरीब नजारा देखने को मिला. देखने वाले लोग असमंजस में पड़ गए कि आखिर यह शख्स दौड़ क्यों रहा है. वहीं कुछ लोग इतना उत्सुक हुए कि वजह जानने के लिए उसके पीछे लग गए. तब जाकर मालूम पड़ा कि पूरा माजरा क्या है. दरअसल, सीवान जिले के महाराजगंज में स्थित मोनिया बाबा मंदिर के महंत अंगद जी महाराज लगभग 15 किलोमीटर दौड़ते हुए सीवान के सुपौली गांव पहुंचे. जहां उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर मोनिया बाबा मंदिर को राजकीय दर्जा देने सहित अन्य मसलों को लेकर वार्तालाप की. जिसके बाद से यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. बताया जाता है कि अंगद जी महराज कुछ दिन पूर्व ही 135 किलोमीटर की दूरी दौड़ कर तय कर मुख्यमंत्री से मिलने पटना भी गए हुए थे.

झंडा लेकर दौड़े थे अंगद जी महाराज

अंगद जी महाराज महाराजगंज से 15 किलोमीटर पैदल दौड़ते हुए सुपौली पँहुचे थे. जहां उनके पहुंचने पर सबसे पहले सुरक्षाकर्मियों के द्वारा उन्हें रोक दिया गया. हालांकि जनप्रतिनिधियों ने उनकी मुलाकात नीतीश कुमार से कराई. इसके बाद उन्होंने अपनी बात को रखा. नीतीश कुमार ने आश्वासन दिया कि मंदिर व मेला को राजकीय दर्जा दिया जाएगा. अंगद जी महाराज ने कहा कि अगर इस बार भी आश्वासन पर ही मामला लटका तो जिन्दा समाधि ले लेंगे.

उत्तर बिहार का सबसे प्रसिद्ध है मौनिया बाबा का मेला

सीवान जिले के महराजगंज में उत्तर बिहार का प्रसिद्ध व बड़ा मौनिया बाबा मेला कई दशकों से लगता आ रहा है. हालांकि आज तक इस मेले व मंदिर को राजकीय दर्जा नहीं मिला. राजकीय दर्जा दिलाने के लिए कई वर्षों से मांग चल रही है तथा लोगों का संघर्ष जारी है. लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन हीं मिलता रहा है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा श्याम मंदिर के पुजारी अंगद जी महाराज कई बार बड़े-बड़े मंत्रियों के पास दौड़ लगाकर मुलाकात कर चुके हैं. लेकिन उन्हें भी सिर्फ आश्वासन ही मिला. परंतु आज तक मंदिर का कायापलट नहीं हो सका और न ही राज्य दर्जा प्राप्त हुआ.

मंदिर के पुजारी ने बताया मौनिया बाबा मेले का इतिहास

मंदिर के पुजारी नागेश्वर मिश्रा ने बताया कि सन 1923 में सिद्ध महापुरुष मौनिया बाबा जिंदा समाधि लिए थे. समाधि स्थल पर ही प्रत्येक वर्ष भादो माह के चतुर्दशी को मेले का आयोजन किया जाता है. संत के पराक्रम को याद रखने के लिए महाराजगंज, दारौंदा सहित 25 गांव के लोगों ने आपसी सौहार्द के साथ समाधि स्थल पर बैठकर मेला लगाने का निर्णय लिया था. तब से यह परपंरा चली आ रही है. जिसके तहत प्रत्येक वर्ष मौनिया बाबा मेले का आयोजन किया जाता है. यह उत्तर बिहार का सबसे प्रसिद्ध व बड़ा मेला है. जिसको राजकीय दर्जा दिलाने की मांग चल रही है.

Tags: Bihar News, Siwan news

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